भारत ऑनलाइन फ्रॉड का अड्डा बनता जा रहा है। इसकी वजह से फिनटेक कंपनियों को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। भारत में जितनी तेजी से इंटरनेट और टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है, उतनी ही तेजी से ऑनलाइन अपराधों की संख्यां भी बढ़ रही है। कोरोना महामारी के बाद से ऑनलाइन धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले भारत में सामने आए हैं। साइबर अपराधी बड़ी ही आसानी से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे है और उनकी गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं।

 

कोरोना महामारी के बाद तेजी से बढ़े मामले

कोरोना महामारी के बाद से ऑनलाइन फ्रॉड के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। इसका मुख्य कारण लोग महामारी के बाद सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर ज्यादा एक्टिव हो गये हैं। लोगों की इंटरनेट पर बढ़ती सक्रियता की वजह से साइबर अपराधी भी यहां तेजी से एक्टिव हो गये, जिसकी वजह से लोगों के साथ-साथ फिनटेक कंपनियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

 

तीन गुना बढ़े साइबर अपराध के मामले

गृह मंत्रालय द्वारा शेयर किए साइबर फ्रॉड के डेटा को देखा जाये तो साल 2017 से 2020 के बीच साइबर फ्रॉड के मामलों में कई गुना बढ़ोतरी देखी गई है। 2017 में साइबर फ्रॉड के कुल 3,466 मामले सामने आए थे। 2020 में ये मामले बढ़कर 10,395 तक पहुंच गये। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साइबर ठगी के मामले तीन गुना तक बढ़ गए हैं। इस दौरान साइबर अपराध के मामलों में तेलंगाना पहले नंबर पर रहा है। 2017 में तेलंगाना में साइबर ठगी के महज 277 मामले आए थे, जबकि 2020 में साइबर ठगी के 3,316 मामले सामने आए थे। 2020 में इसके बाद महाराष्ट्र में 2,032, बिहार में 1,294, ओड़िसा में 1,079, आंध्र प्रदेश में 764 मामले सामने आए थे। जबकि इन राज्यों में 2017 में क्रमशः 1,426, 427, 333 और 166 मामले सामने आए थे।

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